लखनऊ समेत 17 बड़े जिलों के कोषागारों में 11 से ई कुबेर प्रणाली लागू की जानी थी। अब यह प्रणाली बुधवार को बाराबंकी समेत कुछ अन्य छोटे कोषागारों वाले जिलों से शुरू की जाएगी। इसके पीछे वजह साफ पता नहीं चली है। कोषागारों के अधिकारियों का कहना है कि सरकार कोई अनावश्यक जोखिम नहीं उठाना चाहती है। ऐसे में लखनऊ समेत बड़े जिलों को फिलहाल शामिल नहीं किया गया है।
यह व्यवस्था 17 मंडल मुख्यालयों में एक साथ शुरू की जानी थी। लखनऊ में भी तैयारी पूरी है। बाराबंकी से बुधवार को इसकी टेस्टिंग शुरू की जाएगी। नई व्यवस्था में सभी कोषागारों को डीडीओ पोर्टल पर लेन‑देन शुरू करना होगा। इसके बाद आगे चलकर उनको रिजर्व बैंक की ई‑कुबेर से जोड़ा जाना है। इसके पूर्व लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, आजमगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, झांसी, मेरठ, गाजियाबाद आदि जिलों के कोषागारों को नई व्यवस्था से जोड़ा जाना है। अधिकारियों का कहना है कि टेस्टिंग के बाद सभी जिले धीरे-धीरे कर के नई व्यवस्था में शामिल किए जाएंगे।
इससे जुड़ने के बाद सभी परियोजनाओं, विभागीय लेखा जोखा और लेन देन कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर से जुड़ जाएगा। इससे समय की बचत होगी। साथ ही सही खाता न मिलने जैसी गड़बड़ियों के कारण चेक बाउंस नहीं होंगे। परियोजनाओं के लिए मिला धन भी वापस नहीं जाएगा। इससे विकास कार्यों की गति और तेज होने की उम्मीद है। ‑वेब
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