लखनऊ। बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर्स में शुमार रहे सुनील दत्त का जन्म 6 जून को हुआ था। फिल्मों में आने से पहले इन्होंने लखनऊ के ऑल इंडिया रेडियो पर एंकर का काम भी किया था।
सुनील दत्त का जन्म पाकिस्तान के खुर्द गांव में हुआ था। वे महज पांच साल के थे जब उनके पिता दीवान रघुनाथ दत्त का निधन हो गया था। बंटवारे के वक्त 19 साल के रहे सुनील दत्त अपने परिवार को लेकर हरियाणा के मंडौली गांव में आकर रुके थे। वहां उनकी मुलाकात पंजाब आर्मी का हिस्सा रहे सैयद मुजफ्फर हसन से हुई। साल 1949 में हसन दत्त परिवार को लेकर लखनऊ अपने भाई कैप्टन सिकंदर अब्बास रिजवी के घर छोड़ गए थे।
कैप्टन रिजवी का परिवार लखनऊ के अमीनाबाद स्थित गन्नेवाली गली में रहता था। वहीं सुनील अपनी मां कुलवंती देवी के साथ रहते थे। अमीनाबाद मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र था। मुस्लिमों के मोहल्ले में एक हिंदू परिवार का रहना उस जमाने में काफी मुश्किल था।
इसी वजह से सुनील दत्त ने घर के बाहर ‘अख्तर‘ नाम से नेमप्लेट लगवाई थी। वे यहां साल 1953 तक रहे थे। फरवरी 2009 में सुनील दत्त के बेटे संजय दत्त समाजवादी पार्टी का प्रचार करने लखनऊ आए थे। उनके साथ उनकी वाइफ मान्यता भी थीं। दोनों ने उसी महीने में अपनी फर्स्ट वेडिंग एनिवर्सरी सेलिब्रेट की थी।
संजय मान्यता के साथ पिता की यादें ताजा करने अमीनाबाद निवासी रिजवी फैमिली के घर पहुंचे थे। वहां उनका स्वागत बेटे-बहू के रूप में हुआ था। कैप्टन रिजवी की बहन रईस जहां रिजवी बानो और सरकार जहां रिजवी ने मान्यता को मुंह दिखाई का गिफ्ट भी दिया था। -वेब
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