नई दिल्ली। मोदी सरकार गंगा को निर्मल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि केंद्र ने बीते चार साल में राज्यों को 3300 करोड़ रुपये से अधिक राशि गंगा सफाई के लिए जारी की है। खास बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा राशि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को मिली है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के मुताबिक 2014-15 से 30 जून 2018 तक 22,238 करोड़ रुपये लागत वाली 221 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। ये सभी परियोजनाएं सरकार की महत्वाकांक्षी ’नमामि गंगे’ परियोजना का हिस्सा हैं जिसके लिए सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। ये परियोजनाएं सीवेज इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर ग्रामीण स्वच्छता के कार्यक्रमों तक हैं।
गंगा में प्रदूषण भी सर्वाधिक उत्तर प्रदेश से होता है। खासकर कानपुर और उसके आस-पास स्थित टेनरियों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थित सुगर मिलों से औद्योगिक गंदगी का प्रवाह गंगा नदी में होता है। इसलिए यूपी में प्रदूषण की रोकथाम किए बगैर गंगा नदी को निर्मल बनाना संभव नहीं है। यूपी के बाद सबसे ज्यादा राशि बंगाल को 698 करोड़ रुपये जारी की गयी है। इसी तरह मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत दिल्ली को तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। -वेब
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