लखनऊ। एक बार फिर राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना देखा जा रहा है। बिजली, पानी, सड़क, सीवर, टेलीफोन और इंटरनेट समेत अन्य सुविधाओं को हाईटेक किया जाएगा। योजना के तहत 50 किलोमीटर लंबी सड़क और बीच में पड़ने वाले चौराहों भी संवारे जाएंगे। जाम से निजात दिलवाने के लिए एकीकृत हाईटेक यातायात कंट्रोल सिस्टम (आईटीएमएस) बनाया जाएगा। इसके साथ ही बलरामपुर अस्पताल को भी विभिन्न सुविधाओं से लैस किया जाएगा। नगर आयुक्त इंद्रमणि तिवारी ने गुरुवार को नगर निगम मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि 190 नए बस शेल्टर के लिए सर्वे शुरू हो चुका है।
नगर आयुक्त के अनुसार योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए शुक्रवार को स्मार्ट समिट का आयोजन किया जा रहा है। इसमें स्मार्ट सिटी के सीईओ, निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ ही फिनलैंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब और नीति आयोग के प्रतिनिधि सुझाव देंगे। राजधानी को 2,953.13 करोड़ से स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा।
नगर आयुक्त के अनुसार योजना के तहत कैसरबाग में 813 एकड़ जमीन पर काम होंगे। सब्जी और मछली मंडी में विशाल पार्किंग बनवाई जाएगी। इसके साथ ही बलरामपुर अस्पताल में सोलर लाइट प्लांट लगेगा। आईटीएमएस सिस्टम से यातायात पर नजर रखी जाएगी। दो पहिया वाहन पर ट्रिपलिंग या हेल्मेट न लगाने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जाम से निजात के लिए ट्रैफिक सर्विलांस, ट्रैफिक सिक्योरिटी, ई-चालान व ट्रैफिक कमांड सेंटर पर प्रमुखता से काम किया जाएगा। मेट्रो स्टेशनों के टिकट काउंटर्स पर स्मार्ट कार्ड के जरिए तमाम टैक्स जमा करने की भी सुविधा दी जाएगी।
स्मार्ट सिटी 311 ऐप में जनता से जुड़ी सभी सुविधाएं होंगी। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन, प्रॉपर्टी टैक्स, भवन के मानचित्र, पार्क की बुकिंग, कम्युनिटी हॉल, ई-हॉस्पिटल में ओपीडी रजिस्ट्रेशन आदि शामिल हैं। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी को दिव्यांग फ्रेंडली बनाना लखनऊ नगर निगम की प्राथमिकता में शामिल है। बीएन रोड स्थित लखनऊ स्मार्ट सिटी के निर्माणाधीन कार्यालय में ही सेंट्रल कमांड व कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा। बसों में जीपीएस सिस्टम लगाने का काम जल्द शुरू होगा। इससे लोगों को बस की स्थिति का पता चल सकेगा। -वेब