लखनऊ। राजधानी में बड़ी वारदातों का राजफाश करने में पुलिस के कैमरे अहम भूमिका निभा रहे हैं। राजभवन के पास कैश वैन के गार्ड की हत्या कर लूटपाट के ब्लाइंड केस समेत शहर की कई जघन्य वारदातों के राजफाश में कैमरों का अच्छा रोल रहा। भाजपा नेता प्रत्यूष मणि त्रिपाठी हत्याकांड के असली गुनहगारों तक पहुंचाने में भी कैमरे ही पुलिस की कसौटी पर खरे उतरे।
पुलिस की ओर से राजधानी के पूर्वी, पश्चिमी, नॉर्थ, टीजी और ग्रामीण इलाकों में कुल 760 कैमरे लगाए गए हैं। ये मुख्य चौराहों से लेकर लिंक मार्गों तक पर नजर रखते हैं। ये कैमरे मॉडर्न पुलिस कंट्रोल रूम से ऑपरेट किए जाते हैं।
एएसपी मॉर्डन पुलिस कंट्रोल रूम विनोद कुमार पांडेय के मुताबिक अभी आइटीएमएस (इंटीर्ग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) और निर्भया योजना के तहत करीब दो हजार कैमरे और लगाए जाने हैं। ये कैमरे भी कंट्रोल रूम से कनेक्ट किए जाएंगे। कैमरों में अपराधियों के कैद होते ही पुलिस सीधे अपराधी को पकडऩे की जुगत लगाने लगती है। -वेब