लखनऊ। आगरा के डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र बनाने के मामले में एसआईटी के दबाव के बाद मध्य प्रदेश के पांच पटवारियों ने बुधवार को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया। एसआईटी ने जनवरी में इन पांच समेत एमपी के 12 पटवारियों पर 10-10 हजार का इनाम घोषित किया था। इनके खिलाफ कुर्की का भी आदेश थे। इन सभी पर आगरा से फर्जी मार्कशीट बनवाकर पटवारी परीक्षा में शामिल होने का आरोप है।
एसआईटी ने 19 जनवरी से लगातार आरोपितों पर दबाव बना रही थी। एसआईटी के दबाव के बाद बुधवार को 12 आरोपितों में से विनोद सोनी, शिव कुमार रघुवंशी, भूपेंद्र सिंह रघुवंशी, देवेंद्र सिंह रघुवंशी और सत्येंद्र सिंह रघुवंशी ने सीबीआई की ऐंटी करप्शन कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। एसआईटी के मुताबिक इन लोगों ने बीसीए व पीजीडीसीए की आगरा विवि से फर्जी मार्कशीट बनवाई और वर्ष 2008 में मध्य प्रदेश की पटवारी परीक्षा में शामिल हुए। इनकी डिग्रियों का आगरा विश्वविद्यालय से फर्जी सत्यापन भी करवाया गया। इसमें आगरा विवि के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी रही। इस मामले में अभी सात आरोपित मध्य प्रदेश के अशोक नगर निवासी रानू सिंह रघुवंशी, परमाल सिंह रघुवंशी, शशि काले, अभिलाषा काले, राम कुमार यादव, श्वेता श्रीवास्तव और अनिल यादव वॉन्टेड हैं। इन सभी पर 10-10 हजार का इनाम घोषित है। इससे पहले मध्य प्रदेश की खरगौन पुलिस फर्जी मार्कशीट घोटाले के मामले में छह आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। -वेब