लखनऊ: लाइन लॉस कम करने से लेकर उपभोक्ताओं को समय से बिजली बिल मुहैया करवाने तक में लेसा फेल हो रहा है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजधानी के कई इलाकों में बिजली चोरी और एटीयंसी लॉस 40 फीसदी से ज्यादा है। जबकि कई साल से इसे 15 फीसदी तक करने का दावा किया जा रहा है। दिसंबर 2018 के आंकड़ों के अनुसार सर्किल दस, एक, तीन, आठ, सात और चार में चालीस से 50 फीसदी से ज्यादा एटियंसी लॉस हुआ। इससे हर महीने पांच से सात करोड़ रुपये की चपत लग रही है।
किसी डिवीजन, क्षेत्र या फीडर पर खर्च होने वाली बिजली की तुलना में कम मिलने वाले राजस्व को एटीयंसी लॉस कहते है। लेसा के अधिकारियों के अनुसार एटियंसी लॉस महीने बढ़ता-घटता रहता है। हालांकि इसमें 20 फीसदी से ज्यादा बिजली चोरी के मामले भी शामिल होते हैं। पावर कॉरपोरेशन में दो महीने बाद डेटा आता है। दिसंबर 2018 का आंकड़ा मिल चुका है, जल्द ही जनवरी का आंकड़ा भी मिलेगा। अधिकारियों के अनुसार एटियंसी लॉस ऐसे इलाकों में ज्यादा होता है, जहां उपभोक्ताओं को बिल समय से नहीं मिलते। कुछ फीडर पर एटियंसी लॉस ज्यादा है। इसकी जांच करवाई जा रही है। दोनों चीफ को भी मार्च तक लॉस कंट्रोल करने के निर्देश दिए गए हैं। -वेब