लखनऊ। नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था के लिए 250 करोड़ रु. की योजना तैयार कर रहा है। इस रकम से निगम कूड़ा घरों की जगह कम्पैक्टर मशीनें लगाई जाएंगी। नई स्वीपिंग मशीनें खरीदी जाएंगी और कबाड़ हो चुकी कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की जगह नई गाड़ियां आएंगी। निगम जल्द ही प्रस्ताव शासन को भेजेगा।
सालभर से नगर निगम सफाई व्यवस्था में नए प्रयोग कर रहा है लेकिन वह इसे सुधारने में नाकाम रहा है। निगम का पूरा ध्यान केवल बजट खपाने पर है। इससे निगम की माली हालत भी खराब हो रही है। बजट खत्म होने को है लेकिन सफाई व्यवस्था नहीं सुधर रही। इसीलिए अब निगम करीब 250 करोड़ की नई योजना बना रहा है। अफसरों का दावा है कि नई योजना कारगर होगी और कूड़ाघरों की जगह कम्पैक्टर मशीनें लगाने से कचरा काफी हद तक कम होगा।
एक तरफ नई योजना में और बजट शासन से मांगकर शहर चमकाने की तैयारी है, वहीं दूसरी ओर नगर निगम के अंदर हो रहे फर्जीवाड़े पुराने बजट को सही जगह इस्तेमाल नहीं होने दे रहे। नगर निगम आयुक्त इन्द्रमणि त्रिपाठी ने लायन्स सर्विसेज कम्पनी को शहर के कुछ मार्गों पर मशीनों से सफाई का काम दिया था। यह कम्पनी करीब चार महीने से फर्जीवाड़ा कर रही थी। कहीं भी मशीनों से सफाई नहीं हुई और हर महीने 50 लाख रु. से ज्यादा का बिल नगर निगम को पकड़ाया जा रहा था। मामला जब पकड़ में आया तब लायन्स सर्विसेज का अनुबंध निरस्त किया गया मगर तब तक लाखों का चूना कम्पनी लगा चुकी थी। इसी कम्पनी से जुड़ी लायन्स सिक्योरिटी गार्ड को नगर निगम ने अभी भी शहर के कई वॉर्डों में सफाई का ठेका दे रखा है। अकेले इसी कम्पनी को करोड़ों का भुगतान किया जा रहा है। -वेब
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