बिना खनिज पदार्थ वाले पानी के दुष्प्रभावों को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए एनजीटी ने सरकार से आग्रह किया है. एनजीटी ने आरओ प्यूरीफायर को उन स्थानों पर नहीं लगाने का सुझाव दिया है जहां पानी में कुल विलय ठोस पदार्थ (टीडीएस) 500 एमजी प्रति लीटर से कम हो.
एनजीटी ने सरकार से ये भी आग्रह किया है कि देशभर में जहां भी आरओ की अनुमति दी गई है वहां 60 फीसदी से ज्यादा पानी पुनः इस्तेमाल किया जाना अनिवार्य हो. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने उसके द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद आदेश पारित किया और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को निर्देश दिए.
समिति के मुताबिक अगर टीडीसी 500 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है तो आरओ प्रणाली उपयोगी नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उससे महत्वपूर्ण खनिज निकल जाएंगे और साथ ही पानी की अनुचित बर्बादी होगी. एनजीटी ने कहा, श्पर्यावरण एवं वन मंत्रालय उन स्थानों पर आरओ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाली उचित अधिसूचना जारी कर सकता है जहां पानी में टीडीएस 500 एमजी प्रति लीटर से कम है और जहां भी आरओ की अनुमति है वहां यह सुनिश्चित किया जाए कि 60 प्रतिशत से अधिक पानी को पुनः इस्तेमाल में लाया जाए.श् -वेब