नशे और जिस्मफरोशी के दलदल में किशोरियों को धकेलने वाले हैवान विजय बदरी उर्फ बंगाली को बृहस्पतिवार सुबह लखनऊ के बादशाहनगर स्टेशन से आरपीएफ की टीम ने दबोच लिया। वह छह महीने से दो किशोरियों से घिनौनी हरकतें करा रहा था। दहशतजदा किशोरियां दो किशोरों के साथ बाराबंकी जाने के लिए निकली थीं, तभी स्टेशन पर चेकिंग कर रहे आरपीएफ के दरोगा वंश बहादुर यादव ने उन्हें रोक लिया। पूछताछ पर किशोरियों ने जो आपबीती सुनाई, उससे पुलिसकर्मियों के रोंगटे खड़े हो गए। आरपीएफ ने आरोपी और चारों बच्चों को गाजीपुर पुलिस के सुपुर्द करते हुए एफआईआर दर्ज करा दी है। चारों को बाल सुधार गृह भेजा गया है।
आरपीएफ इंस्पेक्टर एमके खान ने बताया कि सुबह बादशाहनगर चौकी के प्रभारी वंश बहादुर यादव पुलिस टीम के साथ प्लेटफार्म पर चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान 15 व 16 साल की दो किशोरियां और 14 साल के दो किशोर प्लेटफार्म पर डरे-सहमे से भटकते दिखे। चौकी प्रभारी ने उन्हें रोककर महिला सिपाही अर्चना मिश्रा, विमला तिवारी और अंजनी सिंह के जरिये पूछताछ की तो होश उड़ाने वाली हकीकत पता चली। एक किशोरी ने बताया कि वह हजरतगंज के बालू अड्डा की रहने वाली है, जबकि दूसरी मूलरूप से असम की है और यहां इंदिरानगर में रहती है। वहीं, एक किशोर बाराबंकी के सुगौली व दूसरा गुडंबा का है। उन्होंने बताया कि इंदिरानगर के मुंशी पुलिया में रहने वाला एक पैर से दिव्यांग विजय बदरी उर्फ बंगाली उन्हें नशा पिलाकर जिस्मफरोशी कराता है। उसके डर से वह लखनऊ छोड़कर बाराबंकी जाने के लिए स्टेशन आए थे। पुलिस ने विजय का पता पूछा तो उन्होंने कहा कि वह कुछ घंटे में उन्हें खोजते हुए स्टेशन आ जाएगा। पुलिस उन्हें सुरक्षित रखकर विजय का इंतजार करने लगी। करीब 11 बजे वह बादशाहनगर स्टेशन पहुंचा, जहां पुलिस ने उसे दबोच लिया। -वेब