चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को लेकर एक बड़ा समाचार सामने आया है इसरो के मुताबिक विक्रम अभी भी सुरक्षित है और कोई भी टूट-फूट नहीं हुई है. इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि हम लैंडर के साथ संचार को फिर से स्थापित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है. शनिवार को जब चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर लैंडर विक्रम था, उसी समय इसरो से संपर्क टूट गया था.
विक्रम लैंडर अपने तय स्थान से करीब 500 मीटर दूर चांद की जमीन पर गिरा पड़ा है, लेकिन अगर उससे संपर्क स्थापित हो जाए तो वह वापस अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है. इसरो के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर में वह टेक्नोलॉजी है कि वह गिरने के बाद भी खुद को खड़ा कर सकता है, लेकिन उसके लिए जरूरी है कि उसके कम्युनिकेशन सिस्टम से संपर्क हो जाए और उसे कमांड रिसीव हो सके. हालांकि, इस काम के सफल होने की उम्मीदें सिर्फ 1 फीसदी ही है लेकिन इसरो वैज्ञानिकों का मानना है
वैज्ञानिकों के मुताबिक उनके पास लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए 11 दिन हैं. एक अनुमान के मुताबिक इसरो के पास विक्रम से संपर्क साधने के लिए 11 दिन हैं. क्योंकि अभी लूनर डे चल रहा है. एक लूनर डे धरती के 14 दिनों के बराबर होता है. इसमें से 3 दिन बीत चुके हैं. यानी अगले 11 दिनों तक चांद पर दिन रहेगा. उसके बाद चांद पर रात हो जाएगी, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होती है. रात में उससे संपर्क करने में दिक्कत होगी. फिर इसरो वैज्ञानिकों को इंतजार करना पड़ेगा. -वेब