राजधानी लखनऊ में महानगर के शालीमार गैलेंट अपार्टमेंट में रहने वाले अधिवक्ता के बुजुर्ग पिता ओमप्रकाश सिंह (83) की गुरुवार देर रात उनके फ्लैट में कनपटी पर गोली लगने से मौत हो गई। बेटे का कहना है कि अस्पताल में भर्ती मां से फोन पर बात न होने के चलते पिता ने बाथरूम में जाकर लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को दाहिनी कनपटी पर गोली मार कर जान दे दी। पुलिस भी बुजुर्ग की मौत को आत्महत्या ही मान रही है।
पुलिस के मुताबिक महानगर के शालीमार गैलेंट अपार्टमेंट की छठी मंजिल पर बने फ्लैट नंबर 604 में अधिवक्ता अजय कुमार अपने परिवारीजनों के साथ रहते हैं। वह मूलरूप से हरदोई जनपद के रहने वाले हैं। उनकी मां चंद्रा सिंह 21 सितंबर को ऑपरेशन के लिए मिडलैंड अस्पताल में भर्ती हुई थीं। पत्नी के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना पर ओमप्रकाश (83) 22 सितंबर को हरदोई से महानगर स्थित अपने फ्लैट में पहुंचे थे।
बेटे अजय ने पुलिस को बताया कि गुरुवार की रात करीब 11 बजे के आसपास परिवार के सभी लोग अपने-अपने कमरे में लेट थे। देर रात उन लोगों को पिता के कमरे से गोली चलने की आवाज सुनाई दी। परिवारीजन दौड़कर उनके कमरे में गए तो वह वहां नहीं थे। परिवारीजनों ने कमरे का बाथरूम देखा तो सन्न रह गए। ओमप्रकाश खून से लथपथ पड़े थे। पास में ही उनकी लाइसेंसी रिवॉल्वर पड़ी हुई थी। परिवारीजन आनन-फानन में ओमप्रकाश को पास में ही मौजूद मिड लैंड अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। ओमप्रकाश की दाहिनी कनपटी पर गोली लगी थी। पुलिस का कहना है कि गोली कनपटी के आरपार निकल गई थी। परिवारीजनों का कहना है कि ओमप्रकाश पत्नी से बात न हो पाने के कारण काफी परेशान चल रहे थे।
ओमप्रकाश की गोली लगने से मौत के चलते पीड़ित परिवारीजन स्तब्ध हैं। बेटों अजय, सुबोध और अन्य परिवारीजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। वह लोग बार-बार एक ही बात दोहरा रहे थे कि अस्पताल में भर्ती मां चन्द्रा सिंह को पिता की मौत के बारे में कैसे बताएंगे। मां और पिता के बीच का प्यार इतना गहरा था कि दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे। अजय ने बताया कि पिता मां की हर छोटी सी छोटी बात का खयाल रखते थे। -वेब