अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 145 भारतीय बुधवार सुबह दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर उतरे। उनमें 3 महिलाएं भी थीं। उन्हें अवैध रूप से अमेरिका में घुसने के जुर्म में हिरासत में लिया गया था और डिटेंशन कैंपों में कैद किया गया था।
अमेरिका जाना और वहां काम करना उनका सपना था वे उच्च शिक्षित थे। इसके लिए उन्होंने 25-25 लाख रुपये एजेंटों को अदा किए। कुछ ने काम करना भी शुरू कर दिया, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि खूबसूरत जिंदगी का उनका सपना एक बुरे ख्वाब में तब्दील हो चुका है। अवैध रूप में अमेरिका में घुसने के आरोप में उन्हें वहां इमिग्रेशन अधिकारियों ने पकड़ लिया। उन्हें अवैध प्रवासियों के लिए बने डिटेंशन सेंटर में कैद कर लिया गया। आखिरकार उन्हें अमेरिका से भारत वापस भेज दिया गया।
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर बुधवार सुबह एक के बाद एक ये 145 भारतीय भीड़ के बीच फटे कपड़ों और बिना लैस के जूतों में बाहर आ रहे थे। इनमें 3 महिलाएं भी थीं। उन्हें अमेरिका के ऐरिजोना से डिपोर्ट किया गया था। उनके साथ 25 बांग्लादेशियों को भी डिपोर्ट किया गया था, इसलिए उन्हें लेकर आ रहा चार्टर्ड प्लेन ढाका में भी कुछ देर रुका था। करीब 24 घंटे लंबे सफर की वजह से उनके चेहरों पर थकान साफ दिख रही थी। इसके अलावा अमेरिका में डिटेंशन कैंपों में खाने-पीने, उठने-जागने को लेकर यातना जैसी पाबंदियों की वजह से वे बुरी तरह टूट चुके थे। सुखविंदर सिंह ने घरवालों को अपने आने की सूचना देने के बाद फैसला किया कि घर रवाना होने से पहले वह कुछ घंटे दिल्ली में अपने दोस्तों के साथ बिताएंगे। -वेब