लखनऊ। प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी जिम्मेदार लोग बेफिक्र हैं। लखनऊ में दिल्ली के मुकाबले प्रदूषण कहीं से कम नहीं। यही नहीं, गाजियाबाद, नोएडा तो प्रदूषण के मामले में दिल्ली को भी पीछे छोड़ चुके हैं, लेकिन मजाल है कि सुप्रीम कोर्ट की चिंता प्रदेश में जिम्मेदार अधिकारियों को हिला पाई हो। चंद दिनों के दिखावे के बाद हालात जस के तस हैं और लोग दूषित हवा में सांस लेने को विवश।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का यह कथन कि प्रदूषण से लोगों को मारने से अच्छा है कि बम फोड़ कर मार डालें। यह जाहिर करता है कि देश की उच्चतम अदालत जहरीली होती हवाओं के बीच रहने को विवश लोगों की परेशानी से बेहद चिंतित है। दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अधिकारी इस मुद्दे पर मौन है। – वेब