राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में अपडेट के लिए धन आवंटन के प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इसके लिए 3,941.35 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। एनपीआर के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना एनपीआर का मुख्य लक्ष्य है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी। एनपीआर अपडेट करने की प्रक्रिया अगले साल पहली अप्रैल से शुरू होने वाली है।
आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए अंतिम बार साल 2010 में आंकड़े जुटाए गए थे। जब 2011 के लिए जनगणना की जा रही थी। इन आंकड़ों को फिर साल 2015 में अपडेट किया गया था। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण हुए थे। उन आंकड़ों को डिजिटल करने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। अब सरकार ने ये फैसला लिया है कि 2021 जनगणना के दौरान असम को छोड़कर अन्य सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लिए इन आंकड़ों को फिर से अपडेट किया जाएगा। इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा एक राजपत्रित अधिसूचना पहले ही प्रकाशित की जा चुकी है। -वेब