काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकियों ने बुधवार को एक गुरुद्वारे को निशाना बनाया। फिदायीन हमला सुबह 7.30 बजे हुआ, तब यहां सिख समुदाय के सैकड़ों लोग प्रार्थना के लिए जुटे थे। धमाके में 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इसके बाद सुरक्षाबलों ने गुरुद्वारे की घेराबंदी कर जवाबी कार्रवाई की। 16 से ज्यादा घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। 40 से ज्यादा श्रद्धालु फंसे हैं। इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। विदित है कि अफगानिस्तान में करीब 300 सिख परिवार रहते हैं। इनकी संख्या काबुल और जलालाबाद में अधिक है। इन्हीं दो शहरों में गुरुद्वारे भी हैं।
भारत ने इस हमले की निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोरोनावायरस महामारी के समय में अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थानों पर इस तरह के कायरतापूर्ण हमले, अपराधियों और उनके आकाओं की शैतानी मानसिकता दिखाते हैं।’’
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिखों और हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर आए दिन हमले होते रहते हैं। इसके पहले 2018 में राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात करने जा रहे हिंदुओं और सिखों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें 19 सिख और हिंदु मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी भी इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने ली थी। इन हमलों से सिख और हिंदु समुदाय डरा हुआ है। बड़ी संख्या में सिखों और हिंदुओं ने देश छोड़ने का फैसला कर लिया है। तीन सालों में काफी पीड़ितों ने भारत से शरण मांगी है। -वेब