नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के श्रम निकाय ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस संकट के कारण भारत में अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 40 करोड़ लोग गरीबी में फंस सकते हैं और अनुमान है कि इस साल दुनिया भर में 19.5 करोड़ लोगों की पूर्णकालिक नौकरी छूट सकती है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने अपनी रिपोर्ट ‘आईएलओ निगरानी- दूसरा संस्करण रू कोविड-19 और वैश्विक कामकाज’ में कोरोना वायरस संकट को दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे भयानक संकट बताया है. आईएलओ के महानिदेशक गाय राइडर ने मंगलवार को कहा, ‘‘विकसित और विकासशील दोनों अर्थव्यवस्थाओं में श्रमिकों और व्यवसायों को तबाही का सामना करना पड़ रहा है। हमें तेजी से, निर्णायक रूप से और एक साथ कदम उठाने होंगे.’’
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत में अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करने वालों की हिस्सेदारी लगभग 90 प्रतिशत है, इसमें से करीब 40 करोड़ श्रमिकों के सामने गरीबी में फंसने का संकट है.’’ इसके मुताबिक भारत में लागू किए गए देशव्यापी बंद से ये श्रमिक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उन्हें अपने गांवों की ओर लौटने को मजबूर होना पड़ा है. -वेब