लखनऊ

सरकारी अस्पतालों में बढ़ रही कोविड 19 टेस्टिंग की भीड़

पीजीआई और लोहिया संस्थान के बाद अब केजीएमयू में भी कोविड जांच के लिए 1500 रुपये शुल्क का नियम लागू हो गया है। इस कारण अब सरकारी अस्पतालों में मरीजों का बोझ बढ़ने की आशंका है। दरअसल, इन अस्पतालों में कोविड जांच की बाध्यता नहीं है। इसके अलावा जांच भी मुफ्त में हो रही है। ऐसे में जांच शुल्क देने में अक्षम मरीज सरकारी अस्पतालों की ओर रुख करेंगे।
कोरोना महामारी से पहले तक केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना करीब 10 हजार मरीज आते थे। इसी तरह लोहिया संस्थान में पांच हजार और पीजीआई में तीन से दो से तीन हजार रोज आते थे। इनमें 50 प्रतिशत मरीज सुपरस्पेशिएलिटी के होते हैं, जिनका इलाज अस्पतालों में नहीं हो सकता। इसके उलट करीब आठ हजार मरीज ऐसे होते हैं, जिनका इलाज जिला अस्पतालों में मुमकिन है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे मरीज अस्पतालों का रुख कर सकते हैं। सिविल व लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि अभी कोविड जांच के लिए शुल्क लेने का कोई आदेश नहीं है। अस्पतालों में फिलहाल जांच निरूशुल्क रहेगी, लेकिन ओपीडी में आने वाले उन्हीं मरीजों की जांच हेगी, जिनमें लक्षण होंगे। -वेब

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