नई दिल्ली। लद्दाख पहुंच कर मोदी ने चीन की आक्रामक पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ सीमा पर भारत की तैयारियों का जायजा लेने के साथ ही पीएम मोदी ने भारत के जोशीले सैनिकों का हौसला आसमान से भी ऊंचा कर दिया है। माना जा रहा है कि पीएम ने ड्रैगन को सख्त संदेश दे दिया है कि हिन्दुस्तान उसे उसी की भाषा में जवाब देने के लिए तैयार है।
पीएम मोदी के लद्दाख सेक्टर जाने का फैसला गुरुवार शाम को फाइनल किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इसके लिए सीडीएस बिपिन रावत से चर्चा की थी। पीएम मोदी, अजित डोभाल और तब सेना अध्यक्ष रहे बिपिन रावत ने एक साथ 2017 में डोकलाम तनातनी के दौरान भी चीन का आक्रामकता का सामना किया था और चीन को पीछे हटने पर मजबूर किया था।
पीएम मोदी को लेह में नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने निमू आर्मी हेडक्वॉर्टर में हालात की पूरी जानकारी दी। पीएम ने निमू में जवानों के साथ मुलाकात की। यह लेह का फॉर्वर्ड इलाका है। करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर पीएम मोदी का इस तरह आकर जवानों से मिलना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चीन की आक्रामकता का भारत भी पूरी मजबूती के साथ जवाब दे रहा है। चीन की किसी आक्रामकता या दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारतीय सेना और एयर फोर्स के जवान पूरी तरह तैयार हैं। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, ’’जवानों और अधिकारियों का हौसला बहुत ऊंचा है, खासकरर 15 जून की झड़प के बाद। हम कोई झड़प शुरू नहीं करना चाहते, लेकिन सामने वाले पक्ष की किसी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’’ -वेब