लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के गांव में बिकरू में बीती रात 8 पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हुई हत्या के मामले में जानकारी मिल रही है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के 2 गुर्गों को भी मार गिराया गया है. हालांकि अभी तक इस मामले की पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पाई है. पास से एक हथियार बरामद हुआ है. वहीं इस पूरे मामले के सरगना विकास दुबे की तलाश में एक सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है घटना स्थल पर एक यूपी पुलिस के आलाधिकारी और फॉरेंसिंक टीम भी मौजूद है और साथ ही वहां पर एसटीएफ भी तैनात कर दी गई है।
भारतीय राजनीति में अपराधियों और नेताओं का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है. विकास दुबे 90 के दशक में जब इलाके में एक छोटा-मोटा बदमाश हुआ करता था तो पुलिस उसे अक्सर मारपीट के मामले में पकड़कर ले जाती थी. लेकिन उसे छुड़वाने के लिए स्थानीय रसूखदार नेता विधायक और सांसदों तक के फोन आने लगते थे. विकास दुबे को सत्ता का संरक्षण भी मिला और वह एक बार जिला पंचायत सदस्य भी चुना जा चुका था. उसके घर के लोग तीन गांव में प्रधान भी बन चुके हैं. अगर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विकास दुबे ऊपर कैबिनेट मंत्रियों तक का हाथ था. -वेब