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विकास दुबे पर ढाई लाख का ईनाम घोषित

कानपुर। घटना का मुख्य आरोपी विकास दुबे अभी तक फरार है। उस पर ढाई लाख का इनाम घोषित हो चुका है। आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद पुलिस की 100 से अधिक टीमें तीन राज्यों में विकास की तलाश कर रही हैं। थाने के लगभग सभी पुलिसकर्मियों की विकास से बातचीत होती थी। जांच टीमें तफ्तीश कर रही हैं कि दबिश की जानकारी किसने-किसने दी। साक्ष्य जुटाने का काम जारी है। एसओ समेत कई पुलिसकर्मी रडार पर हैं।
बिकरू कांड में फरार चल रहे मुख्य आरोपी विकास दुबे की चचेरी बहन शैलजा को रसूलाबाद कस्बे से एसटीएफ ने हिरासत में लिया है। मां के साथ जाने की जिद पर पुलिस उसके 10 वर्षीय बच्चे को भी ले गई। फिलहाल, विकास के चाचा और अन्य लोग घर से फरार हो गए हैं।
कानपुर देहात के शिवली कोतवाली पहुंचे एडीजी जयनारायन सिंह ने पत्रकारों से कहा कि बिकरू में दबिश की सूचना विकास दुबे को देने वाले विभीषण का पता चल गया है। उसे चिह्नित कर लिया गया है, लेकिन उसका नाम नहीं बताएंगे। जल्द ही कठोर कार्रवाई होगी। तब उसकी पहचान उजागर की जाएगी।
कानपुर में शिवराजपुर, चैबेपुर, शिवली व बिठूर थाना क्षेत्र में विकास दुबे की दहशत का ये आलम है कि बगैर उसकी इजाजत के कोई उद्योगपति अपना काम नहीं शुरू करता। उद्योगपतियों से लेकर खनन माफिया तक विकास को चढ़ावा चढ़ाते और उन्हें संरक्षण मिलता। आसपास क्षेत्र में चलने वाले बड़े उद्योगों से वसूला जाने वाला लाखों का गुंडा टैक्स ही विकास दुबे की आय का मुख्य साधन था।
चैबेपुर मुठभेड़ के बाद खुलासा हुआ है कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे के निलंबित थानेदार विनय कुमार तिवारी से दोस्ताना संबंध थे। पूर्व एसओ चैबेपुर ने एक मुकदमे में दर्ज वसूली के लिए धमकी की धारा 386 हटवा दी थी। इसकी रिपोर्ट बिकरू कांड में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र ने तत्कालीन एसएसपी को भेजी थी। जिसका शिकायत पत्र अब वायरल हो रहा है। -वेब