चीनी नेता जियानली यांग के अनुसार गलवान घाटी में भारत और चीनी सेना में झड़प के दौरान करीब 100 चीनी सैनिक मारे गये थे। इसके बावजूद चीनी सरकार जानबूझ कर आंकड़ा नहीं जारी कर रही और अगर आंकड़ा जारी कर दिया तो चीनी राष्ट्रपति के लिए मुसीबत खड़ी हो जायेगी और पार्टी में विद्रोह हो जायेगा।
बीजिंग को डर है कि अगर वह मान लेता है कि भारत से ज्यादा उसके सैनिक मारे गये हैं तो देश में अशांति फैल जायेगी और सीसीपी की सत्ता भी दांव पर लग सकती है। इसीलिए जब ंचीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से पूछा गया कि इस झड़प में उनके कितने सैनिक मारे गये तो उन्होंने साफ कह दिया कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है और जब उनसे 40 भारतीय सैनिकों के मारे जाने की बात की तो उन्होंने इसे गलत सूचना करार दिया।
15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ उलझना चीन की कम्युनिस्ट सरकार के लिए बहुत भारी पड़ रहा है। इस हिंसक झड़प में दोनों पक्षों को नुकसान हुआ। कर्नल संतोष बाबू समेत भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। भारत ने इसकी पुष्टि की और पूरे देश ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी, वहीं चीन ने अभी तक अपने मृत सैनिकों की कोई जानकारी नहीं दी है।- वेब