लखनऊ। आलमबाग, चन्दर नगर गेट के लोटस पार्लर के पास जंजीर में जकड़े हुए बे लगाम कुत्ते ने एक बाइक सवार पर झपट्टा मारा जिससे बाइक सवार वहीं मौके पर गिर गया और कई जगह चोटिल हो गया इसके विपरीत कुत्ते का मालिक कुत्ते का पक्ष लेने लगा।
चन्दर नगर गेट के लोटस पार्लर के पास एक बे लगाम शख्स लाॅकडाउन में अपने बे लगाम जंजीर में जकड़े हुए कुत्ते को टहला रहा था जैसे मानो वह मानव जाति और जानवरों पर बहुत बड़ा एहसान कर रहा हो। पास से ही जब मैं अपनी बाइक से निकला तो उसने मुझ पर झपट्टा मारा और मेरा बैग पकड़ के खींच लिया जिससे मेरी बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई और मुझे कई जगह अंदरूनी चोटें भी लगीं।
अपने गलती मानने के बजाये वह शख्स मुझसे ही बहस करने लगा। उसका कहना था कि जब मैं कुत्ता टहला रहा हूं तो आपको अपनी बाईक रोक देनी चाहिए थी और उसके उलट उसने ही मुझ पर आरोप मढ़ दिया कि आपकी बाईक अपने आप अनियंत्रित हो गई जिससे आप गिर गये। एक पल को मुझे ऐसा लगा मानो उस बे लगाम शख्स और उस बे लगाम कुत्ते मंे कोई फर्क ही न हो। लेकिन मुझे उस शख्स को उसकी गलती का अहसास कराना बहुत जरूरी था अगर मैं ऐसा न करता तो वह बे लगाम शख्स न जाने कितने और राहगीरों पर अपना रौब झाड़ता। मैंने आलमबाग थाना इंचार्ज को फोन लगाया और उनको सारी बात बताई जब उस शख्स को फोन पर फटकार लगी तब जाकर उसने मुझसे हाथ जोड़कर माफी मांगी। उस पल मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि उस शख्स में अभी भी इंसानों के कुछ लक्षण बचे हैं।
अब मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि जब भी सड़क पर या पार्क में कोई व्यक्ति अपने कुत्ते को टहलाता हुए दिखे तो उस कुत्ते से तो आप सवाधान रहिए साथ में उस कुत्ते के मालिक से ज्यादा सावधान रहिए क्योंकि कभी-कभी यह समझ में नहीं आता है कि कुत्ते का मालिक कुत्ते को टहला रहा है या कुत्ता मालिक को टहला रहा है। उस व्यक्ति के हाथ जोड़कर माफी मांगने की वजह से मैं उसकी तस्वीर और नाम नहीं प्रकाशित रहा हूं।
उत्तर प्रदेश में वैसे भी आवारा जानवरों जैसे कुत्ते, बंदर, सांड और गाय का बोल बाला कम नहीं है इंसान की जान अक्सर जोखिम में ही रहती है अक्सर कोई न कोई आवारा जानवर राहगीरों के लिए मुसीबत बन जाता है और अपनी जान गंवा देता है। जो कुछ कमी रह गई थी वो अब इन कुत्तों द्वारा अपने मालिक को टहलाने वाले कुत्तो ने निकला दी है। – योगेश कपूर