लखनऊ के चिनहट में चार कमरों के किराये के मकान में चल रही नकली शराब की फैक्ट्री का पर्दाफाश कर पुलिस ने बुधवार को सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया। इस मकान से करीब 75 लाख रुपये की तैयार नकली शराब बरामद हुई।
इसके साथ शराब बनाने के कई उपकरण, रसायन और 75 हजार बोतलों के ढक्कन भी मिले हैं। आठ लोगों की तलाश की जा रही है। इसमें लाइसेंस लेकर शराब बिक्री करने वाले तीन दुकानदार भी शामिल है।
डीसीपी पूर्वी चारू निगम ने बताया कि पकड़े गए लोगों में प्रतापगढ़ का सौरभ मिश्र और लखीमपुर का अनुज जायसवाल है। ये लोग आठ महीने से यह काम कर रहे थे। मकान के चारों कमरे में अवैध शराब तैयार की जा रही थी। इस गिरोह की सूचना मिलने पर एडीसीपी अमित कुमार व एसीपी स्वतंत्र सिंह ने गिरोह का पता लगाना शुरू कर दिया था।
एसीपी स्वतंत्र ने बताया कि जब पुलिस कमरों में गई तो वहां का दृश्य देख सब हैरान रह गए। ड्रमों में तैयार शराब थी। हर कमरे में एल्कोहल, अमोनियम सल्फेट समेत कई तरह के रसायन थे। यहां रोजाना आठ से 10 लोग मौजूद रहते हैं। ये सभी नकली शराब बनाने में माहिर है।
एडीसीपी अमित कुमार के मुताबिक सरगना सौरभ ने बताया कि वह लोग एक स्थान पर एक साल ही रुकते थे। इतने समय में वह करीब चार-पांच जिलों में सप्लाई कर मोटी रकम बना लेते थे। इन लोगों ने बताया कि इस शराब में वह लोग कई तरह के फ्लेवर वाले रंग भी डालते थे ताकि किसी को गंध अजीब न लगे।
चिनहट इंस्पेक्टर धनंजय पाण्डेय ने बताया कि गिरोह में शामिल आदित्य कुमार, अभिषेक उर्फ रिशू सिंह, गुलशन उर्फ गुल्लू, विकास, परेश, आशुतोष, बबलू, और अमित की तलाश की रही है। पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने खुलासा करने वाली टीम में शामिल इंस्पेक्टर के अलावा एसआई मनीष वर्मा, अरविंद सिंह, जयप्रकाश यादव, हेड कांस्टेबिल देवमणि यादव, सिब्बन लाल समेत पूरी टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है। -वेब
किराये के मकान में चल रही थी नकली शराब की फैक्ट्री

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