पंजाब में किसान नेताओं ने कृषि विधेयकों के खिलाफ गुरुवार से ही तीन दिवसीय ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू कर दिया। इसके मद्देनजर रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन रोक दिया है। कुल 31 किसान संगठनों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ आज पंजाब में पूर्ण बंद का आह्वान किया है। इसके अलावा हरियाणा समेत देश के बाकी हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन की तैयारी है।
कृषि विधेयकों के संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद किसानों ने आशंका जताई है कि इन विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म करने का रास्ता साफ हो जाएगा और वे बड़े पूंजीपतियों की ‘दया’ पर निर्भर हो जाएंगे। दूसरी तरफ कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां भी इस बिल के खिलाफ सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘सरकार बार बार कहती है कि वह किसानों के हित में ये विधेयक लाई है। अगर इनके जैसे किसानों के मित्र हों तो किसी दुश्मन की जरूरत नहीं है।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का जिक्र विधेयक में नहीं है। एमएसपी के वजूद को खत्म कर दिया गया। यानी उपज की कीमत निर्धारण करने का जो आधार था, वह चला गया। हमारा सवाल है कि अगर कुछ निर्धारित नहीं है तो फिर कीमत कौन तय करेगा ?’ इसके अलावा एक और तर्क है कि किसान अपनी उपज को पंजीकृत कृषि उपज मंडी समिति के बाहर बेचते हैं, तो राज्यों को राजस्व का नुकसान होगा क्योंकि वे ’मंडी शुल्क’ प्राप्त नहीं कर पाएंगे। अगर पूरा कृषि व्यापार मंडियों से बाहर चला जाता है, तो कमिशन एजेंट (आढ़तिए) बेहाल होंगे।
कृषि विधेयकों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में हो रहा है। यहां करीब 31 किसान संगठन केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ लामबंद हुए हैं। किसानों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से लंबी लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। 25 सितंबर के ’पंजाब बंद’ को सफल बनाने की रहेगी। भारतीय किसान यूनियन की कार्यकारी प्रदेश महासचिव हरिंदर कौर बिंदू ने बताया कि 25 सितंबर को पंजाब बंद के दौरान धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे और 24 से 26 सितंबर तक रेलें रोककर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होंगे। इसके लिए बुधवार से ही किसान रेल पटरियों पर टेंट लगाकर बैठ गए थे।
पंजाब-हरियाणा में किसानों के उग्र प्रदर्शन की आशंका के चलते रेलवे ने भी सुरक्षा उपाया किए हैं। रेल अधिकारियों ने बताया कि 14 जोड़ी विशेष ट्रेनें 24 सितंबर से 26 सितंबर तक निलंबित रहेंगी। उन्होंने बताया कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। -वेब
किसान नेताओं ने शुरू किया तीन दिवसीय ’रेल रोको’ आंदोलन
