नई दिल्ली। हिमालय की दुर्गम वादियों में पहाड़ काटकर बनाई गई यह सुरंग समुद्रतल से 3,060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस सुरंग के खुल जाने से हिमाचल प्रदेश के कई ऐसे इलाके जो सर्दियों में बर्फबारी के चलते बाकी देश से कट जाते थे, वे पूरे साल संपर्क में रहेंगे। मनाली और लेह की दूरी भी इससे खासी कम हो जाएगी। अभी रोहतांग पास के जरिए मनाली से लेह जाने में 474 किलोमीटर का सफर तय करना होता है। अटल टनल से यह दूरी घटकर 428 किलोमीटर रह जाएगी। टनल के भीतर कटिंग एज टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। आइए जानते हैं कि दुनिया की सबसे लंबी हाइवे टनल ’अटल टनल’ में और क्या खास है।
घोड़े की नाल जैसे आकार वाली यह सुरंग सिंगल ट्यूब डबल लेन वाली है। यह 10.5 मीटर चैड़ी है और मेन टनल के भीतर ही 3.6 Û 2.25 मीटर की फायरप्रूफ इमर्जेंसी इग्रेस टनल बनाई गई है। 10,000 फीट की ऊंचाई पर इस टनल को बनाने में 10 साल लगे। इसे रोज 3,000 कारों और 1,500 ट्रकों का ट्रैफिक झेलने के लिहाज से बनाया गया है।
मनाली-लेह हाइवे पर रोहतांग, बारालचा, लुंगालाचा ला और टालंग ला जैसे पास हैं और भारी बर्फबारी के चलते सर्दियों में यहां पहुंचना नामुमकिन हो जाता है। पहले मनाली से सिस्सू तक पहुंचने में 5 से 6 घंटे लग जाते थे, अब यह दूरी सिर्फ एक घंटे में पूरी की जा सकती है। यह टनल बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने बनाई है। -वेब