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एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम सौदे पर संकट के छाये बादल ?

नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही अन्य देशों को भी आगाह किया है कि रूस के साथ ऐसी डील करने से बचें. इस नए विवाद को अब जो बाइडेन को सुलझाना होगा, जो 20 जनवरी को शपथ लेने जा रहे हैं. अमेरिका की इस कार्रवाई से यह सवाल खड़ा हो गया है कि भारत के प्रति उसका रुख क्या होगा ? क्योंकि रूसी मिसाइल सिस्टम की इच्छा रखने वालों में भारत भी शामिल है.
अमेरिका चाहता है कि भारत रक्षा खरीद के मामले में रूस को तवज्जो न दे. डोनाल्ड ट्रंप कई मौकों पर यह इच्छा जाहिर कर चुके हैं. इसके पीछे वह हथियारों की होड़ का हवाला देते हैं, लेकिन उन्होंने खुद भारत के साथ कई रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं. 2019 में भारत यात्रा के दौरान ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के हथियार सौदे की घोषणा की थी.
रूस के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है. जमीन से हवा में मार करने वाला यह सिस्टम किसी भी संभावित हवाई हमले का पहले ही पता लगा सकता है. एस-400 एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और यहां तक कि परमाणु मिसाइल को 400 किलोमीटर पहले नष्ट कर सकता है. एस-400 अत्याधुनिक रडारों से लैस है और 600 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को देख सकता है. सैटेलाइट से कनेक्ट रहने की वजह से जरूरी सिग्नल और जानकारियां तुरंत ही मिल जाती हैं. खास बात यह है कि ये सिस्टम एक साथ 36 लक्ष्यों पर निशाना लगा सकता है और इसे पांच मिनट के अंदर तैनात किया जा सकता है. -वेब