विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम चीन के वुहान शहर पहुंच गई है। चीन पहुंचते ही इन वैज्ञानिकों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया गया है। 15 सदस्यों वाली इस टीम के दो वैज्ञानिकों को सिंगापुर में ही कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद रोक दिया गया है। हालांकि, एक साल बाद वैज्ञानिकों के दौरे से किसी बड़े खुलासे को लेकर दुनियाभर के देशों ने अब भी शक जताया है। वहीं, हाल के दिनों में चीन में फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं।
डब्ल्यूएचओ ने एक ट्वीट में कहा कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस की उत्पत्ति की जांच कर रहा 13 वैज्ञानिकों का अंतरराष्ट्रीय दल आज चीन के वुहान पहुंच गया। विशेषज्ञ तत्काल अपना काम शुरू करेंगे और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए दो सप्ताह पृथक-वास में रहने के नियम का पालन करते हुए इसे पूरा करेंगे। दो वैज्ञानिक अब भी सिंगापुर में हैं और कोविड-19 संबंधी परीक्षण करा रहे हैं। टीम के सभी सदस्यों की यात्रा से पहले उनके गृह देशों में अनेक पीसीआर और एंटीबॉडी जांच हुईं थीं, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव थी।’’
इस ट्वीट में कहा गया है कि सिंगापुर में इन दो वैज्ञानिकों की फिर से जांच की गई है और पीसीआर जांच में किसी में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। लेकिन दो सदस्यों की आईजीएम एंटीबॉडी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनकी आईजीएम और आईजीजी एंटीबॉडी की फिर से जांच की जा रही है।
वुहान शहर में ही सबसे पहले दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण सामने आया था और उसके बाद इसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के मुताबिक डब्ल्यूएचओ की टीम काम शुरू करने के पहले महामारी नियंत्रण के लिए देश के दिशा-निर्देशों के तहत पृथक-वास प्रक्रिया को पूरा करेगी। एनएचसी के अधिकारियों ने बुधवार को पेइचिंग में मीडिया को बताया कि वायरस की शुरुआत कहां से हुई, यह एक वैज्ञानिक सवाल है और उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए विशेषज्ञों को दूसरे देशों का भी दौरा करना चाहिए। डब्ल्यूएचओ की टीम को दौरे के लिए देरी से अनुमति देने पर भी सवाल उठे। -वेब
विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम क्वारंटीन
