किसानों के आंदोलन को अब विदेशी हस्तियां भी समर्थन दे रही हैं। ऐसे लोगों को विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है और साफ कहा है कि सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स से लुभाने का तरीका न तो सही है और नही यह जिम्मेदाराना है। बता दें कि अमेरिकी पॉप सिंगर रिहान और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के समर्थन में बयान दिए थे।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ’भारत की संसद ने पूरी चर्चा के बाद कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कानून पास किए थे। ये कानून किसानों को बड़ा बाजार मुहैया कराएंगे और उनके लिए अपनी फसल बेचना पहले से आसान होगा। ये कानून पारिस्थितिक और आर्थिक रूप से स्थायी खेती का रास्ता भी साफ करते हैं। भारत के किसानों के एक छोटे से हिस्से के मन में कानूनों को लेकर कुछ संशय हैं। उनकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए भारत सरकार ने उनके प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की वार्ताएं की। केंद्रीय मंत्री बातचीत में शामिल हुए और 11 दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं। सरकार ने यहां तक कि कानूनों को रोकने का भी प्रस्ताव दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह प्रस्ताव दोहराया भी।’
विदेश मंत्रालय ने आगे लिखा है कि इन आंदोलनों पर कुछ स्वार्थी समूहों को अपना एजेंडा थोपते देखना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह भारत के गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को देखा भी गया, जब भारत के संविधान लागू होने की वर्षगांठ के दिन भारतीय राजधानी में हिंसा और बर्बरता हुई। इन स्वार्थी समूहों में से ही कुछ ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन पाने की भी कोशिश की। इन समूहों के उकसावे की वजह से ही दुनिया के कई हिस्सों में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अपमान किया गया। यह भारत और दुनिया के हर सभ्य समाज के लिए बहुत परेशान करने वाला था।
बआखिर में विदेश मंत्रालय ने कहा, ’हम आग्रह करेंगे कि इस तरह के मामलों पर बयानबाजी करने से पहले तथ्यों का पता लगाया जाए और इस मुद्दे पर उचित समझ बनाई जाए। सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स से लुभाने का तरीका, खासतौर पर जब मशहूर हस्तियां ऐसा करें, न तो सही है और नही यह जिम्मेदाराना हरकत है।’ -वेब
किसानों के आंदोलन को मिल रहा विदेशी हस्तियांे का समर्थन
