लखनऊ. कोरोना से लगातार मौतें हो रही हैं. अलाम तो यह है कि पूरा का पूरा परिवार संक्रमण की चपेट में आ रहा है. ऐसे में किसी परिजन की मौत पर उसका अंतिम संस्कार तक करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में राजधानी लखनऊ के कुछ युवा देवदूत बनकर सामने आ रहे हैं. पूर्व राष्ट्रीय वेटलिफ्टर व पूर्व पार्षद रंजीत सिंह और उनके साथी मिशन संवेदना के तहत ऐसे शवों को न सिर्फ कंधा दे रहे हैं, बल्कि उनका अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला शनिवार को गोमतीनगर के विराम खंड एक से सामने आया. शनिवार सुबह 8ः30बजे गोमती नगर से अपूर्व लोक सक्सेना ने मिशन संवेदना से संपर्क करके सूचना दी कि उनकी मां प्रतिभा रानी उम्र 84 वर्ष निवासी विराम खण्ड 1, गोमती नगर का कोविड से निधन हो गया है. उनका पूरा परिवार कोविड पाजिटिव है. परिवार में अंतिम संस्कार कराने के लिए कोई भी व्यक्ति उपलब्ध नहीं है. इसके बाद मिशन संवेदना के रंजीत सिंह व डॉ सैयद रिजवान अहमद 30 मिनट के अंदर उनके घर पहुंचे। इसके बाद दो अन्य लोगों की सहायता से शव को बैकुंठ धाम विद्युत शवदाह गृह पहुंचा कर उनका अंतिम संस्कार कराया।
रंजीत सिंह ने अपनी जिप्सी गाड़ी को ही शव वाहन बना दिया और अब वो एक कॉल पर, किसी सूचना पर किसी भी गरीब के घर पहुंच जाते हैं और निःशुल्क ही शवों को घरों से शमशान तक पहुंचाते हैं. अपने फेसबुक लाइव के माध्यम से रंजीत सिंह लोगों को ये संदेश भी देते हैं कि कोरोना से डरना नहीं है, लड़ना है और जो अपने हमें छोड़कर जा रहे हैं, उनका पूरे नियमों के साथ पालन करते हुए अंतिम समय में साथ भी देना है. -वेब
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