भारत आई थाईलैंड की 30 वर्षीय युवती की तीन मई को कोरोना से लोहिया संस्थान में मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने मौत की सूचना मेमो से विभूतिखंड पुलिस को दी। दस्तावेजों से थाईलैंड के पते की जानकारी होने पर पुलिस ने स्थानीय गाइड सलमान से संपर्क किया। वहीं, थाईलैंड दूतावास की इजाजत के बाद पांच मई को बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार कराया। उसकी अस्थियां उसके परिजनों को भेजने की तैयारी है।
पुलिस के मुताबिक, थाईलैंड निवासी एक युवती 28 अप्रैल को दिल्ली से फ्लाइट में लखनऊ पहुंची और हजरतगंज के होटल में रुकी। दो दिन बाद अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसके दोस्त ने थाईलैंड दूतावास से संपर्क किया। फिर दूतावास ने जिला प्रशासन से बात कर युवती को 30 अप्रैल की रात लोहिया संस्थान में भर्ती करवाया। जांच में संक्रमित पाए जाने पर उसे कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। ऑक्सीजन लेवल 83 के नीचे आने पर उसकी हालत बिगड़ने लगी।
डॉक्टरों के मुताबिक, तीन मई को युवती की मौत हो गई। जिला प्रशासन ने इसकी सूचना थाईलैंड दूतावास को दी। वहां के अधिकारियों ने युवती के परिजनों को जानकारी दी। उन्होंने युवती के अंतिम संस्कार की सहमति दे दी।
सूत्रों की मानें तो युवती को राजधानी के एक रसूखदार बिल्डर, व्यापारी ने बुलाया था। उसी के इशारे पर वह हजरतगंज के बड़े होटल में ठहरी थी। इस बिल्डर की राजनीतिक दलों में मजबूत पकड़ है, जिससे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी चुप्पी साधे हैं। एडीसीपी पूर्वी एसएम कासिम आबिदी के मुताबिक युवती का मार्च से जून तक का वीजा वैध है। राजस्थान के बाद वह रकाबगंज निवासी गाइड सलमान के सहयोग से लखनऊ पहुंची थी। पुलिस ने युवती को अस्पताल में भर्ती कराने आए सलमान के साथ अंतिम संस्कार करवाया। आबिदी के मुताबिक, सलमान से पता चला कि युवती यहां घूमने आई थी। वह उसका स्थानीय गाइड था, लेकिन लॉकडाउन से वह कहीं जा नहीं पाई।
कई अनसुलझे सवालः थाईलैंड की युवती का राजस्थान और लखनऊ से क्या है कनेक्शन ? हजरतगंज के होटल में आखिर किसने कमरा बुक करवाया था ? विदेशी के शहर में आने पर खुफिया विभाग कैसे अंजान बना रहा ? बिल्डर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई से क्यों बच रही है ? युवती के स्थानीय गाइड को क्यों नहीं लिया गया हिरासत में ? – वेब