लखनऊ में मंगलवार को बसपा के बागी विधायकों ने सपा मुख्यालय पर अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद कायसों का दौर शुरू हो गया कि ये सभी विधायक सपा में शामिल होंगे। हालांकि, ये विधायक राज्यसभा चुनाव के दौरान भी अखिलेश से मिले थे और सपा आने की खूब चर्चा चली थी। इस मुलाकात पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बसपा के बागी विधायकों के सपा में शामिल होने पर अभी संशय बना हुआ है। इन की राह में दल बदल कानून का रोड़ा है। यह सपा विधायक दल मंडल में भी शामिल नहीं हो सकते हैं। इसके लिए पहले विधानसभा अध्यक्ष को पत्र सौंपना पड़ेगा। ऐसे में सपा के रणनीतिकार चाहते हैं कि विधान परिषद चुनाव से पहले किसी तरह की बाधा ना आए। संभावना है कि विधान परिषद चुनाव के बाद ही अगला कदम आगे बढ़ाएंगे। बसपा विधायकों का समर्थन मिलने के बाद समाजवादी पार्टी 3 विधान परिषद सदस्य आसानी से जिता लेगी।
दरअसल, मायावती ने अपने दो विधायकों (राम अचल राजभर और लालजी वर्मा) को उनके द्वारा पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाकर बसपा से निष्कासित किया था। मायावती ने सभी पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए थे कि इन दोनों विधायकों को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में न बुलाया जाए। वहीं राम अचल राजभार और लालजी वर्मा दोनों बसपा सुप्रीमो मायावती के काफी करीबी थे। दोनों विधायक अम्बेडकरनगर जिले में बसपा कटेहरी एवं अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में काबिज थे, लेकिन पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं उससे पूर्व विभिन्न मौकों पर बरती गई अनुशासनहीनता ने लालजी वर्मा व राम अचल राजभर को बहुजन समाज पार्टी से बाहर होने पर विवश कर दिया। -वेब
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