सिद्धू खेमे ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत कर दी है और उनको हटाने की आवाज उठा दी है। चार कैबिनेट मंत्रियों और 20 विधायकों ने बैठक कर कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर दी। इसके बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चार मंत्रियों और नाराज कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की और आगे की रणनीति बनाई। बैठक के बाद सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि पूरी स्थिति के बारे में आलाकमान को जानकारी दी जाएगी। वैसे मामले में उस समय नया ट्विस्ट आ गया जब देर रात एक पूर्व विधायक और छह विधायकों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मुहिम में शामिल होने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग पार्टी में साजिश रच रहे हैं। वे पूरी तरह से कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हैं।
दरअसल, अचानक हुए घटनाक्रम में कैप्टन अमरिंदर सिंह के चार कैबिनेट मंत्री और 20 विधायक मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के आवास पर जमा हुए और उनकी बैठक हुई। इन बागी मंत्रियों और विधायकों ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भरोसा नहीं है। बागी विधायकों व मंत्रियों का पांच सदस्यीय एक शिष्टमंडल पार्टी हाईकमान से मिलेगा और मुख्यमंत्री को बदलने की मांग करेगा। हालांकि मुख्यमंत्री को बदलने की मांग को लेकर बागी मंत्री खुल कर कुछ नहीं बोल रहे है। दबी जुबां से कह रहे है कि हाईकमान से मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की जाएगी। पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के 80 विधायक हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत करने के उपरांत मंत्रियों व विधायकों ने देर शाम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बैठक की। करीब एक घंटा चली बैठक के दौरान विधायकों ने प्रदेश प्रधान को सारी वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। उन्हें बताया गया कि किस प्रकार से पार्टी के विधायकों ने मुख्यमंत्री पर विश्वास न होने का प्रस्ताव पास किया है। -वेब
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत तेज
