नई दिल्ली। अब भारत में ’कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ की स्टेज में पहुंच गया है। इसके चलते अस्पतालों और आईसीयू में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है और यहां पर तेजी से मामले सामने आने की संभावना है। ओमीक्रोन वेरिएंट से भी उतना ही खतरा है जितना कोविड के बाकी वेरिएंट्स से है। केंद्र सरकार के तहत आने वाले जीनॉमिक्स कंसोर्टियम ने अपने ताजा बुलेटिन में यह बात कही है। दिलचस्प यह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2020 के बाद से ’कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ टर्म का इस्तेमाल नहीं किया है।
डेल्टा के चलते आई दूसरी लहर के दौरान, केंद्र सरकार का स्टैंड था कि वायरस पूरे देश में एकसमान रूप से नहीं फैला। अलग-अलग जगहों पर महामारी अलग पैटर्न में फैल रही थी, ऐसा केंद्र का कहना था। ॅभ्व् के अनुसार, कम्युनिटी ट्रांसमिशन वह स्टेज होती है जब लोकल लेवल पर बड़ी संख्या में संक्रमण फैलता है और उसकी ट्रांसमिशन चैन नहीं मिलती। मतलब संक्रमण कहां से आया, यह स्पष्ट नहीं होता।
ताजा बुलेटिन में बताया है कि अब तक के अधिकांश ओमीक्रोन के मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं। मौजूदा लहर में अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू के मामले बढ़ गए हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि ओमीक्रोन का संक्रामक सब-वेरिएंट भी देश में मिला है। यह भी बताया गया कि अब बाहर से आए व्यक्ति से संक्रमित होने वाले मामलों की बजाय आंतरिक संक्रमण के मामले सामने आएंगे। यह भी कहा गया कि ओमीक्रोन वेरिएंट के कम्युनिटी स्प्रेड से बचने के लिए कोविड अनुरूप व्यवहार, मास्क, सैनिटाइजेशन के अलावा टीकाकरण प्रमुख हथियार है। -वेब
भारत में पहुंची ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ की स्टेज
