लखनऊ। महिला सशक्तीकरण और स्वावलंबन को बढ़ावा देने के लिए विश्ववि़ालय तीन नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत करने जा रहा है। तीनों पाठ्यक्रम स्नातक में शुरू होंगे। इन पाठ्यक्रमों में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य, लिंग हिंसा, महिला नेतृत्व और महिलाओं के उद्यमिता कौशल पर बल दिया गया है। संस्थान की बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में इन तीनों पाठ्यक्रमों के प्रस्तावों पर मुहर लग गई है।
लखनऊ विश्वविद्यालय पहला विवि है जिसने अपने यहां एनईपी लागू की है। लविवि के अनुसार इन पाठ्यक्रमों से विद्यार्थियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। नए क्षेत्र में कुशलता विकसित होगी। महिला अध्ययन संस्थान की सह संचालिका डॉ. अर्चना शुक्ला ने बताया कि इस तरह के पाठ्यक्रमों को राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन के मिशन शक्ति के अंतर्गत शुरू किया जा रहा है। पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि लिंग हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य विषय के अंतर्गत सह पाठ्यक्रम स्नातक के तीसरे सेमेस्टर में शुरू होगा। इसका उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हो रही विभिन्न तरह की हिंसा को प्रस्तुत करना है। इसमें लिंग आधारित हिंसा महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डालती है, इसके बारे में छात्रों को जागरूक किया जाएगा। साथ ही चुनौतियों से निपटने को लेकर भी जागरूक किया जाएगा। लिंग आधारित हिंसा और परामर्श के क्षेत्र में विशेषज्ञता में यह पाठ्यक्रम रोजगार की संभावनाएं भी पैदा करेगा। महिला और उद्यमिता कौशल विकास पर आधारित दूसरा पाठ्यक्रम स्नातक के चैथे सेमेस्टर में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस व्यावसायिक पाठ्यक्रम को शुरू करने का उद्देश्य विकासशील महिला उद्यमियों पर जोर देना है। साथ ही उद्यमिता की अवधारणा और इसकी प्रक्रिया को पेश करना है। इस पाठ्यक्रम को करने के बाद छात्रों को गैर सरकारी संगठनों व अन्य संगठनों में नौकरी के अवसर मिलेंगे। महिला नेतृत्व और प्रबंधन विषय पर तीसरा पाठ्यक्रम भी स्नातक के चैथे सेमेस्टर में लागू होगा। -वेब
लखनऊ विश्वविद्यालय में नये पाठ्यक्रमों की शुरूआत
