यासीन मलिक मामले में अदालत के फैसले को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन ओआईसी के स्वतंत्र स्थायी मानवाधिकार आयोग की टप्पिणी पर कड़ा ऐतराज जताया। भारत ने कहा कहा कि इन टप्पिणियों के माध्यम से ओआईसी-आईपीएचआरसी ने कश्मीर के अलगावादी नेता की आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा कि दुनिया आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस चाहती है। उन्होंने ओआईसी से आतंकवादी को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा,:भारत को यासीन मलिक के मामले में अदालत के फैसले के लिए भारत की आलोचना करने वाले ओआईसी-आईपीएचआरसी की ओर से आज की गई टप्पिणियां अस्वीकार्य है।’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन टप्पिणियों के माध्यम से ओआईसी-आईपीएचआरसी ने यासीन मलिक की आतंकवादी गतिविधियों के लिए स्पष्ट रूप से समर्थन व्यक्त किया है। दुनिया आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस चाहती है और हम ओआईसी से इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराने का आग्रह करते हैं।
ओआईसी ने मलिक की सजा की आलोचना करते हुए कहा था, ’ओआईसी भारत सरकार से गलत तरीके से कैद किए गए सभी कश्मीरी नेताओं को रिहा करने, भारत के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (आईआईओजेके) में कश्मीरियों के व्यवस्थित उत्पीड़न को रोकने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में निहित एक स्वतंत्र और नष्पिक्ष जनमत संग्रह के जरिए आईआईओजेके के लोगों के अपने भवष्यि का नर्धिारण करने के अधिकार का सम्मान करने का आह्वान करता है। -वेब
भारत ने ओआईसी को दी नसीहतः आतंकवाद को बढ़ावा न दें
